सफर की यादें

क्यों मिले थे तुम मुझे, 

यह बता कर तो जाते, 
कितनी उलझी हुई हूं मैं,
इन बातों को लेकर, 
सुलझा कर तो जाते,
तुम जाते जाते अपनी 
वो हसीं यादें को 
क्यों नहीं ले गए 
जो कभी मुझे खुशी देती थी
कभी रुला देती थी
कभी सुकून देती थी 
तो कभी तड़प देती थी
कभी जिंदा होने का 
एहसास दिलाती थी
मैं तो अपनी तकदीर 
पर इतराती भी थी
दिन में जागकर 
ख्वाब बुनती रहती थी
तुम्हें मुझसे मोहब्बत है
लेकिन यह सब मेरी भूल थी 
जिसे तू चाहता था
वह तुझे मिल गया 
लेकिन मुझे तो 
तेरे जैसा कोई नहीं मिला....

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3 Comments

खूबसूरत भाव

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Reena yadav

18-Nov-2023 03:50 PM

👍👍

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Gunjan Kamal

18-Nov-2023 03:39 PM

👏🏻👌

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